नीट में डीसीएम के यशिक बांसल ने देश में पाया 92वां व जोहन छाबरा ने हासिल किया 151वां रैंक
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- September 9, 2022
- Education
नीट में डीसीएम के यशिक बांसल ने देश में पाया 92वां व जोहन छाबरा ने हासिल किया 151वां रैंक
– डीसीएम के होनहार विद्यार्थियो ने भावी डॉक्टर बन देश की सेवा करने की तरफ बढ़ाया कदम-
-विद्यार्थियो के सम्मान में समारोह का आयोजन, शिक्षाविद्व कांता गुप्ता ने दी शुभकामनाएं-
-सख्त मेहनत और दृढ़ इरादो से ही सफलता को छूआ जा सकता है: कांता गुप्ता-
फिरोजपुर, 8 सितम्बर, 2022
सीमावर्ती जिले में शिक्षा के क्षेत्र में आए दिन नए कीर्तिमान स्थापित करने वाले डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स के 11 विद्यार्थियो ने नैशनल इलीजिबिल्टी कम-एंट्रैंस टैस्ट -नीट- में ऑल इंडिया में बढिय़ा रैंक हासिल कर डॉक्टर बनने की तरफ कदम अग्रसर किया है। हैड सीनियर सैकेंडरी डा. ललित मोहन गुप्ता ने कहा कि इस परीक्षा में डीसीएम के यशिक बांसल ने देश भर में 92वां तथा जोहन छाबरा ने 151वां रैंक हासिल करके देश के सर्वोच्च मैडिकल संस्थान से चिकित्सा की पढ़ाई करने की तरफ कदम बढ़ाया है।
उन्होंने बताया कि यशिक बांसल ने 99.99 परसैंटाइल, जोहन छाबरा ने 99.98 परसैंटाइल, सानू 99.90 परसैंटाइल, राघव सेठी ने 99.89 परसैंटाइल, हिमांशु वोहरा ने 99.74 परसैंटाइल, गितांश बांगा ने 99.59 परसैंटाइल, विभास असीजा ने 99.36 परसैंटाइल, करिद्धय जिंदल ने 99.086 परसैंटाइल, कुसुम पाल ने 96.41 परसैंटाइल, आस्था सूद ने 95.81 परसैंटाइल, निकिता ने 94.69 परसैंटाइल अंक हासिल किए है। सभी भावी डॉक्टर्स को डीसीएम ग्रुप के सीईओ डा. अनिरूद्ध गुप्ता ने बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
डा. ललित मोहन ने बताया कि गत वर्ष भी डीसीएम के 25 से ज्यादा विद्यार्थियो को देश के सर्वश्रेष्ठ मैडिकल विश्वविद्यालयो में शिक्षा हासिल करने का सुअवसर प्रदान हुआ था। उन्होंने कहा कि एक दशक से डीसीएम 300 से ज्यादा डॉक्टर यूजी नीट की पढ़ाई की सम्पन्न देश-विदेश में पीजी नीट की पढ़ाई कर रहे है और विश्व के बेहतरीन अस्पतालो में सेवाए दे रहे है।
सीनियर सैकेंडरी विंग के वीपी अजय मित्तल ने बताया कि भावी डॉक्टर्स के सम्मान हेतू स्कूल के मानेकशाह हॉल में भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षाविद्व व डीसीएम ग्रुप की डॉयरैक्टर कांता गुप्ता मुख्यातिथि के तौर पर हिस्सा लिया, जबकि डॉयरैक्टर डा. रागिनी गुप्ता विशेष रूप से पहुंचे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिंसिपल सुमन कालरा ने की। शिक्षाविद्व कांता गुप्ता ने भावी डॉक्टर्स व उनके अभिभावको को शुभकामनाए देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि सख्त मेहनत व दृढ़ इरादो से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस सोच के साथ आजादी से पहले एम.आर दास ने डीसीएम ग्रुप की स्थापना की थी, आज उनका सपना साकार हो रहा है।
यशिक बांसल के पिता डा. नवीन बांसल सर्जन तथा माता डा. रजनी बांसल ज्ञायनी स्पैशलिस्ट है। यशिक ने बताया कि रोजाना वह 5-6 घंटे पढ़ता था। उसके घर में चाचा-चाची व मामा-मामी भी डॉक्टर है। वह भी बचपन से डॉक्टर बनना चाहता था और नीट क्लीयर करके उसने भी डॉक्टर बनने की तरफ कदम बढ़ा दिया है।
ह्रदय रोग स्पैशलिस्ट बनने का सपना संजोए जोहन छाबरा के पिता संजीव कुमार बिजनैसमेन है और माता अर्चना सरकारी अध्यापिका है। जोहन ने बताया कि बचपन से ही उसके मन में डॉक्टर बनने का ख्वाब था और उसके अभिभावको ने पूरा साथ दिया। रोजाना वह 7-8 घंटे पढ़ता था।
सानू बताती है कि उसके पिता संजीव गिरधर राईस मिलर है और माता श्वेता गिरधर गृहणि है। उनके घर में कोई भी डॉक्टर नहीं था और वह डॉक्टर बनकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करने का सपना दिल में संजोए हुए थी। सानू ने बताया कि वह रोजाना 8 से 9 घंटे पढ़ती थी और उसकी मेहनत के चलते ही उसने यह मुकाम हासिल किया है। वह डॉक्टर बनकर सेवा करने का जज्बा रखती है।
प्रिंसिपल सुमन कालरा ने कहा कि सभी विद्यार्थी बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न है और उन्हें स्कूल में ही सीबीएसई पाठयक्रम के अनुसार तैयारी करवाई गई थी और इन विद्यार्थियों ने बाहर से कोई कोचिंग नही ली थी। डीसीएम में पढऩे वाले विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के अलावा प्रतियोगात्मक परीक्षाओ की भी तैयारी करवाई जाती है । उन्होंने कहा कि यह शिक्षा की गुणवत्ता का परिणाम है कि हर वर्ष डीसीएम के विद्यार्थी देश के उच्चतम संस्थाओ में एडमिशन पाते है।
डा. ललित मोहन गुप्ता ने कहा कि डीसीएम ग्रुप के पिछले 75 वर्ष के इतिहास में इस स्कूल ने अनेको आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील सहित विभिन्न उच्च पदो पर नियुक्त अधिकारी तैयार किए है। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा मुहैया करवाने में अध्यापक अजय मित्तल, सन्नी सचदेवा, डा. सुरेश शर्मा, सौरभ बांबा, अनिरूद्ध शर्मा, विजय मोंंगा, नवीन जयसवाल, वैशाली सहित अन्य का खासा योगदान है।